इटावा। पुलिस लाइन सभागार में बाल संरक्षण कार्यशाला संपन्न हुई जिसमें जनपद के विभिन्न थानों से आए पुलिसकर्मियों को महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की गईं। कार्यशाला एएसपी क्राइम सुबोध गौतम की अध्यक्षता में संपन्न हुई। उन्होंने कहा कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट का अनुपालन हर हाल में किया जाना चाहिए।
जिला प्रोबेशन अधिकारी सूरज सिंह के निर्देश पर पहुंचे बाल संरक्षण अधिकारी सोहन गुप्ता ने पुलिस कर्मियों को जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड व विशेष किशोर पुलिस इकाई के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा बताया कि देखरेख व संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों तथा अपराध में संलिप्त बच्चों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए। उन्हें उचित स्थान पर बैठाया जाना आवश्यक है। उनके मन को शांत करने के लिए मेडिटेशन भी कराया जा सकता है। उन्होंने बच्चों को न्यायपीठ के समक्ष प्रस्तुत करते समय भरे जाने वाले प्रारूपों को भरना सिखाया। उन्होंने कहा कि चोरी जैसे छोटे अपराधों में संलिप्त बच्चों को थाना स्तर से ही कागजी औपचारिकताएं पूर्ण कर बच्चों को छोड़ देना चाहिए। यदि बच्चों को खतरा नहीं है तो परिवार को ही सौंपना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाल विवाह रोके जाने हेतु आखा तीज व अक्षय तृतीया पर विशेष ध्यान रखा जाए क्षेत्र में कोई भी बाल विवाह न होने पाए।
बाल संरक्षण विशेषज्ञ प्रेम कुमार शाक्य ने बताया कि अनाथ व असहाय बच्चों को सरकार द्वारा आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है ताकि उनकी शिक्षा व भरण पोषण की उचित व्यवस्था हो सके। उन्होंने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना व स्पॉन्सरशिप स्कीम पर विस्तृत प्रकाश डाला तथा बताया कि पिता की मृत्यु, पिता के जेल जाने व गुमशुदा होने या अपंग हो जाने पर बच्चों को ढाई हजार रुपए प्रतिमाह व स्पॉन्सरशिप की पात्रता या अनाथ बच्चों को चार हजार रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने दत्तक ग्रहण प्रक्रिया भी समझाई।इस दौरान जनपद के विभिन्न थानों से आए बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों के रूप में नामित उप निरीक्षक व महिला कांस्टेबल मौजूद रहे।
रिपोर्ट चंचल दुबे इटावा