एनसीईआरटी भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता पर सवाल, अभ्यर्थियों को “उपयुक्त नहीं” बताने से असंतोष
सामाजिक कार्यकर्ता ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा,
शिक्षा मंत्रालय व अन्य को प्रतिलिपि भेजी व उच्चस्तरीय जांच की मांग की
नई दिल्ली/इटावा। नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग यानी एनसीईआरटी की हालिया भर्ती प्रक्रिया में गणित, शिक्षा, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र आदि विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पदों के लिए आवेदन करने वाले अनेक योग्य अभ्यर्थियों को चयन के दौरान “उपयुक्त नहीं (Not For Suitable Candidate)” घोषित कर दिया गया। इससे उम्मीदवारों में गहरा असंतोष है।
यह बात सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम कुमार शाक्य ने कही है। उन्होंने इस मामले को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक पहुंचाते हुए शिक्षा मंत्रालय व एनसीईआरटी के वरिष्ठ अधिकारियों को भी पत्र भेजा है। शाक्य का कहना है कि विज्ञापन संख्या 174/2024 के तहत कई अभ्यर्थियों ने सभी अर्हताएं पूरी की थीं, बावजूद इसके उन्हें खारिज कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि इससे पहले विज्ञापन संख्या 172/2023 में भी ऐसे ही हालात बने थे। लगातार योग्य अभ्यर्थियों को “उपयुक्त नहीं” ठहराना भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है।
शाक्य ने राष्ट्रपति से मांग की है कि एनसीईआरटी की भर्ती प्रक्रिया की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए, ताकि योग्य उम्मीदवारों को न्याय मिल सके और संस्थान की साख बनी रहे। उन्होंने अपने पत्र की प्रतिलिपि राष्ट्रपति, शिक्षा मंत्रालय, एनसीईआरटी निदेशक, संयुक्त निदेशक, सचिव समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों और नेता प्रतिपक्ष कार्यालय तक भी भेजी है ताकि मामले की गंभीरता पर तत्काल ध्यान दिया जा सके।
*चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता होना जरूरी है। लगातार दो विज्ञापनों 172/2023 और 174/2024 में एक जैसे विवाद क्यों सामने आए हैं यह एनसीईआरटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान पर प्रश्नचिह्न है। इस भर्ती प्रक्रिया की उच्चस्तरीय जांच होना आवश्यक है।* प्रेम कुमार शाक्य