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यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से जसवंतनगर क्षेत्र के कई गांवों में हालात गंभीर होते जा रहे


जसवंतनगर/इटावा। यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से जसवंतनगर क्षेत्र के कई गांवों में हालात गंभीर होते जा रहे हैं। गांवों के खेत पानी में डूब चुके हैं और बोई गई फसलें तथा सब्जियां पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। इससे किसानों और ग्रामीणों की आजीविका पर संकट गहराता जा रहा है। प्रशासनिक सहायता समय से न पहुंचने के कारण लोगों का आक्रोश भी बढ़ने लगा है।
क्षेत्र के सिरसा की मढैया, खंदिया, कीरतपुर और कछपुरा गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से यमुना का जलस्तर लगातार ऊपर जा रहा है। खेतों में लगी गोभी, लौकी और अन्य सब्जियां पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं। इन गांवों के लोगों के पास नौकरी या अन्य कोई सहारा नहीं है, वे केवल खेती-किसानी पर निर्भर हैं। फसलें नष्ट होने से अब उनके सामने रोज़मर्रा की जरूरतें पूरी करने का संकट खड़ा हो गया है।
गांव कछपुरा और कीरतपुर का मुख्य मार्ग से संपर्क टूट चुका है। यहां लोगों का आना-जाना केवल नावों के सहारे हो रहा है। ग्रामीणों को जरूरी सामान और खाद्य सामग्री तक लाने-ले जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, गांव खड़िया में हालात और ज्यादा खराब हैं। यहां करीब दो दर्जन मकानों में पानी घुस चुका है। मजबूरन प्रभावित परिवारों ने ऊंचे स्थानों पर शरण ली है और पन्नी के टैंट लगाकर किसी तरह जीवनयापन कर रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया और जल्द राहत सामग्री उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया था, लेकिन बुधवार तक कोई मदद नहीं पहुंची। इससे प्रभावित परिवारों में गहरी नाराजगी है।
विधायक शिवपाल सिंह यादव के निर्देश पर विधायक प्रतिनिधि एवं पूर्व ब्लॉक प्रमुख अनुज मोंटी यादव ने एडीओ पंचायत देवेंद्र कुमार और ब्लॉक की टीम के साथ खंदिया, कीरतपुर, सिरसा की मढैया और कछपुरा गांव का दौरा किया। उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात कर कहा कि हर संभव सहायता दिलाने का प्रयास किया जाएगा। शाम के लिए खाने की व्यवस्था ब्लॉक टीम द्वारा कराई गई। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि प्रभावित परिवारों को तत्काल खाद्य सामग्री और राहत पैकेज मुहैया कराया जाए। साथ ही लेखपालों को सर्वे कराकर पात्र परिवारों को मुआवजा दिलाने की सर्वे करने की अपील की है।
गांव सिरसा की मढैया में ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त किया। ग्रामीणों का कहना है कि अब तक प्रशासन का कोई भी अधिकारी यहां नहीं पहुंचा, जिससे लोग खुद को पूरी तरह असहाय महसूस कर रहे हैं। ग्रामीण पूर्व प्रधान लज्जावती, राजेश यादव, रामप्रकाश, किशन सिंह, राजू, लाला राम, भारत सिंह, निर्मल दास, मुन्ना लाल, कमलेश, पेशकार, रिंकू और व्रत भानू ने बताया कि यदि जलस्तर यूं ही बढ़ता रहा तो गांव का संपर्क मुख्य मार्ग से पूरी तरह कट जाएगा और पानी घरों तक घुस जाएगा।
यही नहीं खदिया गांव में भी ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि आश्वासन के अलावा अब तक कोई ठोस मदद नहीं मिली है। मजबूरन बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग खुले आसमान के नीचे असुरक्षित हालात में दिन-रात गुजारने को विवश हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। अगर प्रशासन ने जल्द राहत सामग्री और मुआवजे की व्यवस्था नहीं की तो स्थिति और भयावह हो सकती है। लोगों ने जिला प्रशासन से तुरंत ठोस कदम उठाने की मांग की है, ताकि जलभराव से पीड़ित परिवारों की परेशानियां कम हो सकें।

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