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45 कुंतल मक्का इटावा जनपद में निशुल्क किसानों को वितरण – उप कृषि निदेशक आर एन सिंह


उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद में मक्का उत्पादन, उत्पादकता और बुआई क्षेत्र को बढ़ाने के लिए “त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम” योजना चल रही है,

जिसके तहत किसानों को मक्का की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और मक्का उत्पादन से अतिरिक्त लाभ प्रदान किया जा रहा है. इसमें किसानों को बीज पर 15 हजार रुपये प्रति कुंतल की दर से अनुदान दिया जाता है. संकर मक्का और देशी मक्का के साथ-साथ पॉप कॉर्न, बेबी कॉर्न व स्वीट कॉर्न पर भी अनुदान दिया जाता है. यूपी के इटावा में भी त्वरित मक्का विकास योजना शुरू की गई है. इसके तहत 2000 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है।

इटावा उप कृषि निदेशक आर एन सिंह ने बताया मक्का किसानों के लिए अच्छी खबर है. मक्का किसानों को सरकार का बड़ा लाभ 45 कुंतल मक्का इटावा जनपद में नि शुल्क किसानों को वितरण किया गया उत्तर प्रदेश सरकार मक्का किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. बीते कुछ सालों में मक्के की खेती के प्रति किसानों की दिलचस्पी बढ़ी है. धान और गेहूं के सीजन में मक्के का रकबा बढ़ता जा रहा है. मक्का किसानों को बढ़वा देने के लिए यूपी सरकार भी त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम पूरे प्रदेश में चला रही है. संकर मक्का और देशी मक्का के साथ-साथ पॉप कॉर्न, बेबी कॉर्न व स्वीट कॉर्न पर भी अनुदान दिया जाता है. यूपी के इटावा में भी त्वरित मक्का विकास योजना शुरू की गई है. इसके तहत 2000 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है. इसके अलावा, प्रदेश सरकार सामान्य मक्का के लिए 50% का अनुदान दे रही है।

मक्का के उत्पादन, उत्पादकता और बुआई क्षेत्र में वृद्धि करना,किसानों को मक्का की खेती के लिए प्रोत्साहित करना.,मक्का उत्पादन से किसानों को अतिरिक्त लाभ दिलाना. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना को राज्य के सभी जिलों में लागू करने की मंजूरी दी है. इस योजना के तहत किसानों को मक्का का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है. किसानों को भरपूर मात्रा में अनुदान भी दिया जा रहा है.

मक्का की खेती के लिए पर्याप्त जीवांश वाली दोमट भूमि अच्छी होती है. मक्का की बुवाई के लिए फरवरी का प्रथम सप्ताह सर्वोत्तम है. मक्का की बुवाई के लिए बीज को 2.5 ग्राम थीरम या 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम रसायन से प्रति किलो बीज को शोधित करके बोयें।

मक्का की उन्नत खेती:

अधिकतर राज्यों में जहां पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो वहां पर खरीफ में बुआई का उपयुक्त समय मध्य जून से मध्य जुलाई है. पहाड़ी एवं कम तापमान वाले क्षेत्रों में मई के अंत से जून के शुरूआत में मक्का की बुआई की जा सकती है।

मक्का की पैदावार कैसे बढ़ाएँ:

मक्के की उच्च पैदावार प्राप्त करने के लिए नाइट्रोजन महत्वपूर्ण है।यह फसल की वृद्धि और विकास को बढ़ावा देता है और इसे आसानी से उपलब्ध होना चाहिए. हरी पत्तियों के निर्माण और रखरखाव, प्रकाश संश्लेषण को अधिकतम करने और मक्के की फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए नाइट्रोजन महत्वपूर्ण है।

रिपोर्ट चंचल दुबे इटावा 

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