सुशीला हॉस्पिटल, इटावा में बाल रोग विशेषज्ञ ने रचा चमत्कार
20 दिन के अथक प्रयास से बचाई दो नवजात शिशुओं की जान – डॉक्टर डी.के. सिंह की टीम का सराहनीय कार्य

इटावा:सुशीला हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, इटावा में बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर डी.के. सिंह और उनकी टीम ने एक असंभव को संभव कर दिखाया। सांस और किडनी की गंभीर समस्या से जूझ रहे नवजात को 20 दिन की अथक निगरानी और उपचार के बाद जीवनदान मिला।
नवजात के जन्म के बाद जब उसकी रोने की आवाज नहीं आई और हालत बिगड़ती चली गई, तो परिजन कई निजी अस्पतालों के चक्कर काटते रहे। आखिरकार उन्हें पीजीआई लखनऊ रेफ़र किया गया। लेकिन उससे पहले उन्होंने नवजात को इटावा के सुशीला हॉस्पिटल में दिखाने का निर्णय लिया — जो उनके लिए वरदान साबित हुआ।

राउंड-द-क्लॉक देखरेख और विशेषज्ञों की मेहनत
डॉ. डी.के. सिंह के नेतृत्व में बाल रोग विशेषज्ञों की टीम ने नवजात को ICU में रखा और हर पल उसकी स्थिति पर निगरानी रखी। लगभग 10 दिनों की कठिन चिकित्सकीय प्रक्रिया और देखभाल के बाद शिशु की हालत में सुधार दिखना शुरू हुआ।
एक और नवजात को भी मिला जीवनदान
इसी दौरान एक और नवजात शिशु को गंभीर अवस्था में लाया गया, जिसे उसी टीम ने सफलतापूर्वक इलाज देकर ठीक किया।
परिजनों के चेहरे पर लौटी मुस्कान
जब डॉक्टरों ने नवजात के पूरी तरह स्वस्थ होने की सूचना दी, तो माता‑पिता की आँखों में खुशी के आंसू छलक आए। नवजात को शनिवार के दिन स्वस्थ अवस्था में डिस्चार्ज कर दिया गया।हमने लगभग उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन सुशीला हॉस्पिटल ने हमारे बच्चों को नई जिंदगी दी। हम डॉक्टरों के इस योगदान को कभी नहीं भूलेंगे।”– परिजन

“यह किसी चमत्कार से कम नहीं। बच्चे को नया जीवन मिला है,”
– डॉ. डी.के. सिंह, बाल रोग विशेषज्ञ
👏 सुशीला हॉस्पिटल की यह उपलब्धि चिकित्सा क्षेत्र में प्रेरणा का स्त्रोत है।
रिपोर्ट चंचल दुबे इटावा
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