“तृतीय सैफई आर्थ्रोप्लास्टी अपडेट – 2025” का यूपीयूएमएस में भव्य आयोजन
रोबोटिक सर्जरी में प्रशिक्षण विश्वविद्यालय के लिए बनेगा मील का पत्थर : कुलपति
संगोष्ठी में जोड़ प्रत्यारोपण की नवीनतम तकनीकों और शोध पर हुआ व्यापक विमर्श -सैफई (इटावा), 27 अप्रैल 2025।
उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई के अस्थि रोग विभाग एवं सैफई ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में “तृतीय सैफई आर्थ्रोप्लास्टी अपडेट – 2025” का भव्य आयोजन शनिवार को स्थानीय होटल में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। इस एक दिवसीय संगोष्ठी में जोड़ प्रत्यारोपण की अत्याधुनिक तकनीकों, नवीनतम शोध कार्यों और सर्जिकल कौशल पर गहन विचार-विमर्श हुआ। देशभर से 100 से अधिक ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञों और 25 से अधिक प्रतिष्ठित जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञों ने इसमें सहभागिता की।
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) पी. के. जैन द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इसके पश्चात पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए पर्यटकों को श्रद्धांजलि स्वरूप दो मिनट का मौन रखा गया।
अपने उद्घाटन संबोधन में कुलपति प्रो. जैन ने आयोजन समिति को बधाई देते हुए कहा, “रोबोटिक सर्जरी एवं प्रत्यारोपण प्रशिक्षण भविष्य में विश्वविद्यालय के लिए एक मील का पत्थर सिद्ध होगा। इससे हम आधुनिक तकनीकों से लैस होकर आम जनता को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकेंगे।”विशिष्ट अतिथि, एम्स दिल्ली के पूर्व प्रोफेसर व डॉ. बी.सी. रॉय राष्ट्रीय पुरस्कार तथा यशभारती सम्मान प्राप्त प्रो. (डॉ.) सी. एस. यादव ने कहा, “सैफई जैसे क्षेत्र में रोबोटिक जोड़ प्रत्यारोपण तकनीकों का विकास अत्यंत गर्व का विषय है।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जब भी संस्थान में रोबोटिक घुटना अथवा कुल्हा प्रत्यारोपण सर्जरी होगी, वे स्वयं उपस्थित होकर सहयोग प्रदान करेंगे।आयोजन अध्यक्ष एवं अस्थि रोग विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) सुनील कुमार ने स्वागत भाषण में कहा, “यह आयोजन हमारे विभाग की शैक्षणिक, शोध एवं प्रशिक्षण के क्षेत्र में बढ़ती उपलब्धियों का प्रमाण है। हमारा लक्ष्य है कि हम विश्वस्तरीय चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करें।”उन्होंने यह भी बताया कि विभाग में उच्चस्तरीय चिकित्सक व संसाधन उपलब्ध हैं, जिससे न्यूनतम खर्च पर प्रतिदिन घुटना व कूल्हा प्रत्यारोपण सर्जरी की जा रही है। इससे मरीजों को बड़े शहरों की ओर रुख करने की आवश्यकता नहीं रह गई है।सैफई ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आर.एस. यादव ने कहा कि, “यह संगोष्ठी सैफई को ऑर्थोपेडिक शिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में एक अग्रणी केंद्र के रूप में स्थापित कर रही है, जिससे ग्रामीण अंचल तक चिकित्सा नवाचार पहुंच रहा है।”
राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रमुख आकर्षण :
डॉ. सी. एस. यादव द्वारा क्रूशिएट रिटेनिंग तकनीक से घुटना प्रत्यारोपण की लाइव सर्जरी।डॉ. अश्वनी मैचंद (नई दिल्ली) द्वारा डायरेक्ट एंटीरियर अप्रोच से कुल्हा प्रत्यारोपण की लाइव सर्जरी।डॉ. निखिल वलसंगकर (नई दिल्ली) द्वारा रोबोटिक घुटना प्रत्यारोपण की वीडियो डेमो एवं सॉ बोन वर्कशॉप।
इन सत्रों में प्रतिभागियों ने नवीनतम सर्जिकल तकनीकों, केस आधारित चर्चाओं और सर्जिकल ट्रिक्स पर विस्तार से विचार-विमर्श किया।कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ. अंकित मित्तल ने किया, जबकि आयोजन सचिव डॉ. हरीश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए आयोजन को सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी विभागीय सहयोगियों, फैकल्टी सदस्यों, रेजिडेंट्स तथा नई दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, मथुरा, आगरा, गाजियाबाद, नोएडा समेत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया।
इस सफल आयोजन में विभागीय फैकल्टी सदस्य डॉ. एस.पी.एस. गिल, डॉ. दिनेश कुमार समेत सभी सीनियर व जूनियर रेजिडेंट्स का सराहनीय योगदान रहा।
सैफई ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन (SOA) के संरक्षक डॉ. डी.के. दुबे, उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस.एस. परिहार, डॉ. एम.एस. पाल तथा अन्य सदस्यों ने भी आयोजन में सक्रिय भागीदारी निभाई।
एनस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. उषा शुक्ला एवं उनकी टीम ने लाइव सर्जरी सत्रों के दौरान उत्कृष्ट तकनीकी सहयोग प्रदान किया, वहीं चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस.पी. सिंह द्वारा की गई व्यवस्थाओं ने आयोजन को सहज बनाया।इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रो. डॉ. रमाकांत, संकायाध्यक्ष प्रो. डॉ. आदेश कुमार सहित विश्वविद्यालय के कई विभागाध्यक्ष एवं संकाय सदस्य भी उपस्थित रहे और आयोजन की गरिमा को बढ़ाया।
रिपोर्ट चंचल दुबे इटावा