इटावा बिजली के निजीकरण के विरोध में विभाग के इंजीनियर और कर्मचारी लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को भी अधीक्षण अभियंता कार्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और निजीकरण के विरोध में नारे लगाए।

आंदोलनकारियों का कहना है कि इस निजीकरण में भ्रष्टाचार की आशंका भी है। संयुक्त संघर्ष समिति इटावा के संयोजक विवेक कुमार सिंह, सह संयोजक आनंद पाल, अधिशाषी अभियंता हनुमान प्रसाद मिश्रा, सचिव गगन अग्निहोत्री, राहुल कुमार, पीयूष मौर्य व अवर अभियन्ता संघ के सचिव वीरेंद्र, बाबू संवर्ग के सचिव रामजी, टीजी टू संघ सचिव मदन यादव के नेतृत्व में अधीक्षण अभियंता कार्यालय मैं विरोध सभा की गई। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट हितों के टकराव के प्राविधान को हटाकर निजीकरण के लिए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट की बिडिंग कराई गई है। ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति के आरएफपी डॉक्यूमेंट में पहले हितों के टकराव का प्राविधान था। यदि यह पहले था तो इसे क्यों हटाया गया है। इसके पीछे साफ तौर पर भ्रष्टाचार का संकेत मिल रहा है।
रिपोर्ट चंचल दुबे इटावा
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