*पीसीपीएनडीटी अधिनियम पर विधिक सेवा द्वारा जागरूकता शिविर का आयोजन*
जसवंत नगर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पीसीपीएनडीटी (प्री-कॉन्सेप्शन और प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्नीक) अधिनियम पर आधारित एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का नेतृत्व पीएलवी ऋषभ पाठक द्वारा किया गया। शिविर का उद्देश्य लोगों को भ्रूण लिंग परीक्षण और कन्या भ्रूण हत्या को रोकने हेतु बनाए गए पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रावधानों के प्रति जागरूक करना था।
शिविर में ऋषभ पाठक ने पीसीपीएनडीटी अधिनियम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यह अधिनियम भारत में भ्रूण के लिंग निर्धारण पर रोक लगाने के लिए बनाया गया है। इसमें अल्ट्रासोनोग्राफी जैसे तकनीकों के दुरुपयोग पर सख्त प्रतिबंध है। उन्होंने बताया कि अधिनियम का उल्लंघन करने वालों को तीन साल तक की सजा और 10,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
शिविर में पीएलवी कुमारी नीरज ने अधिनियम को लागू करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसका उद्देश्य लिंग-चयन तकनीकों के दुरुपयोग को रोकना और लिंगानुपात को संतुलित बनाए रखना है। इसके तहत किसी भी प्रकार के लिंग निर्धारण परीक्षण, विज्ञापन या प्रचार को अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
इस अवसर पर अस्पताल स्टाफ डॉ. शालू यादव, चीफ फार्मेसी इंचार्ज लक्ष्मी नारायण, कृति, सपना, विमलेश, अरुण कुमार सहित आशा कार्यकर्ता पिंकी, राखी, अर्चना, आशी, कुसुम, प्रियांशी और ममता का विशेष सहयोग रहा।
रिपोर्ट सुबोध पाठक जसवंतनगर