भगवान जगन्नाथ जी का 108 मटकों से हुआ प्रथम स्नान यात्रा महोत्सव
इटावा। श्री श्री गौर निताई परिवार चेरिटेवल ट्रस्ट के द्वारा ज्येष्ठ पूर्णिमा स्नान यात्रा का आयोजन पक्का तालाब परिसर पर किया गया । हमारे स्कंद पुराण के अनुसार भगवान जगन्नाथ जी की वर्ष में एक बार ही होने वाली स्नान उत्सव यात्रा का आयोजन पुरी क्षेत्र की तरह ही किया गया। भगवान जगन्नाथ जी की विशेष कृपा पात्र बनने के लिए भक्तों ने इस आयोजन को संपन्न किया। इस आयोजन की कथा भगवान के अनन्य भक्त माधव दास से जुड़ी हुई है। जिसके अनुसार भगवान 15 दिन तक गर्भगृह में रहकर काढ़ा खिचड़ी का ही सेवन करते है और फिर 15 दिन के पश्चात अपने भक्तों से मिलने और दर्शन देने के लिए रथ पर सवार होकर निकलते है। उसी भाव में डूबकर भक्तों ने आज भगवान जगन्नाथ का आज पंचामृत के कलश के साथ ही 108 औषधीय जल से युक्त मटकों से भी जलाभिषेक किया गया। पं मनुपुत्र दास द्वारा सभी भक्तजनों ने भजन कीर्तन के साथ महाजलाभिषेक किया और उसके बाद सभी भक्तों को गौर निताई परिवार द्वारा बधाई देते हुए प्रसाद वितरण किया गया ।
पूजा और भक्ति के अंतर को अवश्य समय लेना चाहिए । पूजा कामनाओं की इच्छाओं पूर्ति का साधन है ।और भक्ति भगवत प्राप्ति का साधन है।जिस विधि विधान से यह जगन्नाथ स्नान पूर्णिमा उत्सव संपन्न हुआ उसको समझ पाना और समझा पाना दोनों ही असंभव है।
रिपोर्ट चंचल दुबे इटावा