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इटावा में किसान ने टमाटर की फसल पर चलाया ट्रैक्टर, मचा हड़कंप


इटावा जिले के भरथना क्षेत्र में किसान अपनी टमाटर की फसल पर ट्रैक्टर चलाने को मजबूर हो गए हैं। कीमतों में भारी गिरावट के कारण उन्हें अपनी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। इस स्थिति ने किसानों को बुरी तरह से प्रभावित किया है, और उन्हें महज 1-2 रुपये प्रति किलो की दर से अपनी फसल बेचने पर मजबूर होना पड़ा है।

इटावा में टमाटर के दामों में गिरावट के कारण

टमाटर की कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण ज्यादा उत्पादन और मंडियों में खरीदारों की कमी है। किसान बताते हैं कि उन्होंने एक साथ अधिक मात्रा में टमाटर की फसल उगाई थी, जिससे बाजार में सप्लाई का दबाव बढ़ा और कीमतों में गिरावट आई। इससे न केवल किसानों को भारी नुकसान हो रहा है, बल्कि उनके पास फसल को उचित दामों पर बेचने के लिए कोई विकल्प भी नहीं है।

किसानों को सही दाम नहीं मिल रहे, भारी नुकसान हो रहा है

इटावा के भरथना क्षेत्र के किसानों के मुताबिक, पहले जहां टमाटर की कीमतें 20 से 30 रुपये प्रति किलो तक होती थीं, वहीं अब 1-2 रुपये प्रति किलो पर बिक रहे हैं। इस गिरावट से छोटे और मझोले किसानों के लिए यह स्थिति और भी मुश्किल हो गई है। किसान कहते हैं कि उन्हें अपनी मेहनत का सही मूल्य मिलना चाहिए, लेकिन बाजार में दामों में भारी गिरावट के कारण वे अपनी फसल बेचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

किसान क्यों कर रहे हैं ट्रैक्टर का उपयोग?

सही मूल्य न मिलने के कारण इटावा के किसान अब अपनी टमाटर की फसल पर ट्रैक्टर चला रहे हैं। यह कदम किसान समुदाय के लिए काफी दर्दनाक है, क्योंकि वे अपनी मेहनत को बहुत कम दाम में बेचने पर मजबूर हो गए हैं। उनका कहना है कि अगर सरकार ने जल्द ही हस्तक्षेप नहीं किया, तो वे अगले सीजन में टमाटर की खेती छोड़ सकते हैं।

सरकार से क्या अपेक्षाएँ हैं?

किसानों के अनुसार, सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था को सख्ती से लागू करना चाहिए, ताकि किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिल सके। इसके अलावा, मंडियों में खरीदारों की कमी को दूर करने के लिए भी सरकार को कदम उठाने चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो किसानों के लिए यह संकट और भी बढ़ सकता है।

इस संकट का समाधान क्या हो सकता है?

इटावा के किसानों का मानना है कि अगर सरकार किसानों के हित में जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तो उनकी हालत और भी खराब हो सकती है। सरकार को चाहिए कि वह किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए मंडियों में सुधार लाए और टमाटर की बिक्री के लिए नए रास्ते खोले। साथ ही, इटावा के किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य देने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागू किया जाए। इटावा में किसानों की टमाटर की फसल पर ट्रैक्टर चलाने की घटना, एक गंभीर संकेत है।

रिपोर्ट चंचल दुबे इटावा

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